Thursday 28 May 2015

भीगी भीगी....

भीगी भीगी दो निगाहें, सहमे-सहमे लबों का जोड़ा
जुल्फें सावन सी घनेरी, सूरत पे हया का बसेरा..

तेरे बदन की चांदनी से मौसम में फैला है उजाला
तेरे शबाब की आग में जलकर रोज आता है सबेरा..

दिल की एक नाजुक कली पे दर्द के शबनम रखे हैं
मुसकानों की खुशबू में छुप जाता है हर गम तेरा..

तन्हा सी मुसाफिर हो तुम, तेरी अदाओं में है उदासी
कोरे कागज सा सादा मन, तुम ही तो सपना हो मेरा..

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Tuesday 26 May 2015

जिन्दगी में दो चीजें....


जिन्दगी में दो चीजें कभी मत कीजिए...

झूठे आदमी के साथ प्रेम, 

और सच्चे आदमी के साथ गेम...!

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Sunday 24 May 2015

तेरे हाथों से जब....

तेरे हाथों से जब छूट जाएंगे हम 
आईने की तरह टूट जाएंगे हम..

तेरे आंगन में कोई परिंदा नहीं 
तेरे पिंजरे में आ रह जाएंगे हम..

आज बारिश हुई है बड़े जोर की 
ऐसा लगता है कि आज रोएंगे हम..

बख्श दे मुझको जन्नत ऐ नाजनीं 
तुझे पहलू में ले मर जाएंगे हम..

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