कुछ पल जो बीते अपने दोस्तों के साथ,
कुछ यादगार लम्हे जो याद आये तो आँख भर आये,
कुछ मीठा मीठा दर्द जो दे खुशियां हज़ार,
Saturday 28 March 2015
कुछ तुम को...
कुछ तुम को सच से नफरत थी, कुछ हम से न बोले झूट गए, कुछ लोगों ने उकसाया तुम्हें, कुछ अपने मुक़द्दर फूट गए, कुछ खुद इतने चालाक न थे, कुछ लोग भी हम को लूट गए, कुछ उम्मीद भी हद से ज्यादा थे, की मेरे ख्वाब ही सारे टूट गए....
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