कभी मेरे दर पे तू भूलकर आता भी नहीं..
अपनी कोई दर्द भरी दास्तां सुनाता भी नहीं..
तेरे साये को भी मालूम नहीं मेरा नाम-पता,
जुबां तो है मगर तू मुझसे पूछता भी नहीं..
कुछ पल जो बीते अपने दोस्तों के साथ, कुछ यादगार लम्हे जो याद आये तो आँख भर आये, कुछ मीठा मीठा दर्द जो दे खुशियां हज़ार,